हम इश्क़ कर बैठे उनसे यूं इस कदर कि हम शायर बन गए
हमारी कदर ना जानी जिसने ऐ खुदा कि हम पत्थर बन गए
शीशे के दिल को पत्थर बना गए
हमारे जीने के तरीके बदल गए
ये इश्क़ बड़ा है कातिल
मिल जाए तो रब मिल जाए
वरना नए रास्ते ढूंढ लाए
आपकी बेरुखी ने हमारी रचना निखार दी
चुप्पी को हमारा रवैया समझ लिया