Saturday, April 15, 2017

प्यार के मायने ही बदल गए

हम इश्क़ कर बैठे उनसे यूं इस कदर कि हम शायर बन गए 
हमारी कदर ना जानी जिसने ऐ खुदा कि हम पत्थर बन गए 
शीशे के दिल को पत्थर बना गए 
हमारे जीने के तरीके बदल गए 
ये इश्क़ बड़ा है कातिल 
मिल जाए तो रब मिल जाए 
वरना नए रास्ते ढूंढ लाए 
आपकी बेरुखी ने हमारी रचना निखार दी  
चुप्पी को हमारा रवैया समझ लिया 

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